Top Guidelines Of maha kali kavach
पुराकाल में शम्भू (शिव) के द्वारा कहे गये इस कवच का जो पाठ करता है, उसके शत्रुओं का नाश होता है। प्रलयः सर्व-व्याधीनां भवतीह न संशयः।सर्वदेवस्तुता देवी शत्रुनाशं करोतु मे ।।
जो भी साधक इस माह काली के षडाक्षरी काली मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है उसे मां काली सम्मोहन और तांत्रिक सिद्धियों का वर प्रदान करती है. ऐसा माना जाता है कि जो भी तांत्रिक या साधक इस मंत्र में सिद्धि हासिल कर लेता है वह तीनों लोग को मोहित करने की क्षमता रखता है आज भी बंगाल के कई तांत्रिक इस मंत्र का उपयोग वशीकरण के लिए करते हैं.
यथा शुम्भो हतो दैत्यो निशुम्भश्च महासुरः । ३ ।
ह्रीं ह्रीं कालिके घोरदंष्ट्रे रुधिर प्रिये । ६ ।
ॐ प्राच्यां रक्षतु मे तारा कामरूपनिवासिनी ।
भूमौ शत्रून् हीनरूपान् उत्तराशिरसस्तथा ।
ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।।
प्राचीन भारतीय परंपरा से ही माँ दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है और इन के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना का विधान हमारे शास्त्रों में बताया गया है जैसा कि आप सब जानते ही होंगे कि हमारे भारत में वर्ष में दो बार मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना के लिए नवरात्रि का आयोजन होता है.
इसे मां काली का एकाक्षरी मंत्र कहा जाता है. get more info शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से मनुष्य को उपासना और आराधना की प्राप्ति होती हैऔर साथ ही साथ मां काली की कृपा दृष्टि भी बनी रहती है.
मदं मोहयय मोहय हर हर मम रिपून् ध्वंस ध्वंस भक्षय
परमैश्वर्यदं चैव पुत्र-पुत्रादिवृद्धिदम् ।।
ಕಾಲ ಭೈರವ ಅಷ್ಟಕಂದೇವ ರಾಜ ಸೇವ್ಯ ಮಾನ ಪಾವನಂಗರಿ ಪಂಕಜಂವ್ಯಾಲ...
रुधिरापूर्णवक्त्रे च रुधिरेणावृतस्तनी ।।